विधानसभा में गूंजा एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का मुद्दा, राष्ट्रपति की मुहर के बाद ही मिलेगी मंजूरी

जयपुर। राजस्थान में अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर बड़ा कानून लागू होने की प्रतीक्षा में है। राज्य सरकार द्वारा पारित एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट अब राष्ट्रपति की स्वीकृति का इंतजार कर रहा है। विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विधानसभा में जानकारी दी कि यह कानून राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही प्रभावी होगा। अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने 2023 में इस बिल को विधानसभा से पारित किया था, लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है। इस बीच, न्यायालय परिसरों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई है, लेकिन कानून की प्रतीक्षा बनी हुई है।

विधि एवं विधिक कार्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राज्य में अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल विधानसभा में प्रस्तुत किया गया था। इसे 15वीं विधानसभा के अष्ठम सत्र में 21 मार्च 2023 को विधानसभा द्वारा पारित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस बिल पर राष्ट्रपति की स्वीकृति अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।

इससे पहले विधायक अमीन कागजी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में विधि एवं विधिक कार्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 31 जिला एवं सेशन न्यायालय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इनमें वर्तमान में 33 हैड कांस्टेबल तथा 131 कांस्टेबल सुरक्षा गार्ड उपलब्ध हैं।
पटेल ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर परिसर में सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी थाना कुडी हाउसिंग बोर्ड से 01 सहायक उप निरीक्षक, 03 हैड कांस्टेबल तथा प्रथम बटालियन आएसी की ए कंपनी से 01 सीसी, 20 हैड कांस्टेबल, 71 कांस्टेबल नियोजित कर सुरक्षा दी जा रही है। इसी प्रकार राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर बैंच परिसर में 01 उप निरीक्षक, 02 सहायक उप निरीक्षक, 12 हैड कांस्टेबल, 24 कांस्टेबल एवं 05 महिला कांस्टेबल सहित कुल 44 सुरक्षाकर्मी द्वारा सुरक्षा दी जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *