एक व्यक्ति को फायदा देने के लिए विधेयक लेकर आई है सरकार: जूली

सरकार का सुप्रीर्म कोर्ट के आदेश को असफल करने का है प्रयास।

मिल बांटकर कर रहे हैं, प्रदेश का बंटाधार।

जयपुर। राजस्‍थान विधान सभा के प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आज राजस्‍थान भू-राजस्‍व (संशोधन और विधिमान्‍यकरण) विधेयक, 2025 के संबंध में अवगत कराया है कि सरकार द्वारा इस बिल के माध्‍यम से रीको को भूू उपयोग करने के लिये जो अधिकार दिया जा रहा है, वह एक समूह विशेष को लाभ पहुंचाने का प्रयास है।

जूली ने बताया कि अराफात पेट्रो कैमीकल्‍स ने जेकेएसएल के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता किया था, जिसमें मजदूर भी शामिल थे। वह समझौता जिला कलेक्‍टर के माध्‍यम से हुआ। वर्ष 2002 में यह तय हुआ था कि कम्‍पनी सभी मजदूराें को उनका वेतन देगी, लेकिन आज तक मजदूरों का भुगतान नहीं हुआ। हालात यह है कि मजदूर आज भी सडकों पर आंदोलन कर रहे हैं। भाजपा ने अपने हित साधने के लिये नियमितीकरण का कानून पारित किया था और उनके द्वारा अब यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार ने इसे रद्द कर दिया, जो कि सरासर झूंठ हैं। जूली ने बताया कि हमारी सरकार ने कोई भी जनहितकारी कानून रद्द नहीं किया, बल्कि हमारी सरकार ने तो जनता के हित में ही काम किये हैं।

प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि भाजपा सरकार रीको को लेंड यूज का जो बिल लायी है उसका सीधा मतलब सरकार गलत मंशा से काम कर रही है, कई बड़े लोगों ने कम कीमत पर 227 एकड़ जमीन खरीदी है और यदि यह बिल पारित हो जाता है तो ये लोग वहां फ्लोटिंग कर मॉल और फ्लेट बनाकर ऊंचे दामों पर बेचेंगे। इससे भाजपा के उद्योगपति मित्रों को सीधा फायदा होगा और आम जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

जूली ने बताया कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में जो पिटीशन लगी है, उसके एवज में यह संशोधन लेकर आए हैं। उन्‍होंने सरकार पर हजारों करोड रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को इनवेलिड करने के लिए यह विधेयक लाया गया है। हमारे द्वारा सच्‍चाई उजागर करने पर सरकार दबाव में आई और इस बिल को प्रवर समिति को निर्दिष्‍ट करना पड़ा।

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