भारत का पक्ष बताने विदेश जाएंगे सांसद

पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवाद के ढांचे को खत्म करने के लिए हुई सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताने के लिए भारत सरकार सांसदों को विदेश दौरे पर भेजेगी। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सभी पार्टियों से कुछ सांसदों को चुन कर विदेश भेजेगी, जो अलग अलग देशों में जाकर इस सैन्य अभियान के बारे में बताएंगे। 22 या 23 मई से भारतीय सांसद 10 दिन के विदेश दौरे पर जा सकते हैं। गौरतलब है कि पहले भी सरकारों ने बड़े मसलों पर देश का पक्ष रखने के लिए सांसदों को विदेश दौरे पर भेजा है।

भारतीय सांसदों को मुख्य रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई भेजे जाने की चर्चा है। ये सांसद वहां की सरकारों को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे। हालांकि अभी तक सरकार ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है लेकिन कई पार्टियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जानकार सूत्रों के मुताबिक करीब 30 सांसदों को विदेश दौरे पर भेजा जा सकता है।

विदेश जाने वाले सांसदों में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, डीएमके, शरद पवार की एनसीपी, बीजद, सीपीएम के सांसदों के शामिल होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अपराजिता सारंगी को प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया जा सकता है। कांग्रेस से शशि थरूर, मनीष तिवारी और सलमान खुर्शीद के नाम शामिल हो सकते हैं। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और पहलगाम कांड के बाद से सरकार का साध दे रहे ऑल इंडिया एमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का नाम भी विदेश जाने वाले सांसदों में शामिल हो सकता है।

जानकार सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय सांसदों को इस राजनयिक मिशन के बारे में जानकारी देगा। बताया जा रहा है कि सांसदों को तैयारी करने के लिए कहा गया है। यह भी बताया जा रहा है कि सांसदों को पांच या छह ग्रुप में बांटा जा सकता है और हर ग्रुप में पांच से छह सांसद होंगे। सांसदों के साथ विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी और एक सरकारी प्रतिनिधि के भी जाने की खबर है।

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