मुख्यमंत्री युवा संबल योजना बेरोजगार युवाओं को मिल रही बड़ी राहत अब तक लगभग 6 लाख युवा हुए लाभान्वित
जयपुर। राज्य सरकार युवाओं की क्षमताओं, योग्यता एवं ऊर्जा के रचनात्मक तथा सकारात्मक उपयोग की दिशा में दूरदर्शी सोच के साथ काम कर रही है, ताकि प्रदेश का युवा वर्ग कुशल एवं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही रोजगार से आसानी से जुड़ सके। इसी उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर प्रदेश में मुख्यमंत्री युवा संबल योजना प्रारम्भ की गई है। राज्य के करीब 6 लाख युवा इससे लाभान्वित हो चुके हैं और वर्तमान में लगभग 2 लाख युवा इस योजना से जुड़कर बेहतर भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
योजना के तहत राज्य के स्नातक बेरोजगार आशार्थियों को अधिकतम दो वर्ष तक बेरोजगारी भत्ता देने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उनका कौशल विकास किया जा रहा है। बेरोजगारी भत्ते के रूप में महिलाओं, दिव्यांगजन एवं ट्रांसजेंडर को 4500 रुपए एवं पुरुषों को 4000 रुपए प्रतिमाह दिया जा रहा है। इन पात्र बेरोजगारों को राज्य सरकार के माध्यम से विभिन्न विभागों में इंटर्नशिप एवं आरएसएलडीसी द्वारा कौशल प्रशिक्षण भी करवाया जा रहा है, ताकि ये युवा रोजगार से जुड़ सकें।
उल्लेखनीय है कि योजना के तहत पूर्व में प्रतिवर्ष 1 लाख 60 हजार आशार्थियों को 3000 से 3500 रुपए तक भत्ता मिलता था। अब राज्य सरकार ने आशार्थियों की संख्या 2 लाख प्रतिवर्ष करते हुए भत्ते में भी एक हजार रुपए प्रतिमाह की बढ़ोतरी कर दी है। योजना में जुलाई 2022 तक बेरोजगारी भत्ते के रूप में करीब 1565 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई है।
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले आशार्थी को प्रदेश के राजकीय विभाग जैसे – राजस्व विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, सर्किट हाउस, आयुर्वेद विभाग, सहकारिता विभाग, रोजगार विभाग, गृह रक्षा विभाग, उद्योग विभाग, वन विभाग, श्रम विभाग, चिकित्सा विभाग, परिवहन विभाग, पर्यटन विभाग, पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों में प्रतिदिन 4 घंटे के लिए इंटर्नशिप करवाई जा रही है। साथ ही राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण भी करवाया जा रहा है। अब तक करीब 1 लाख 39 हजार आशार्थियों को इंटर्नशिप एवं करीब 23 हजार आशार्थियों को कौशल प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है।
बेरोजगारों को आगे बढ़ने के लिए मिल रहे अवसर
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता की लाभार्थी गायत्री खोड़ा ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता मिलने से पहले उन्हें अपने जरूरी खर्चों के लिए परिवार पर आश्रित होना पड़ता था, लेकिन इस योजना के माध्यम से उन्हें 4500 रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं। वह उप प्रादेशिक रोजगार कार्यालय, जयपुर में इंटर्नशिप कर रही हैं। इंटर्नशिप के दौरान उन्हें काफी सीखने को मिल रहा है, जिससे वे भविष्य में रोजगार प्राप्त करने के लिए योग्य बन सकेंगी। उनका कहना है कि राजस्थान सरकार द्वारा संचालित इस योजना से प्रदेश के बेरोजगारों को आगे बढ़ने के बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
आजीविका के लिए बन रहे सक्षम
महिला रोजगार कार्यालय, जयपुर में इंटर्नशिप कर रहे लाभार्थी राकेश बागड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत मिल रहे बेरोजगारी भत्ता से उन आशार्थियों को बड़ा संबल मिला है, जो पैसों के अभाव में आगे अपना करियर बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। भत्ता मिलने से वे अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को आसानी से पूरा कर पा रहे हैं और योजना के तहत मिल रहे कौशल प्रशिक्षण से आजीविका के लिए सक्षम बन रहे हैं।