यह चुनाव है छिपे हुए मुद्दों पर!

इस लोकसभा चुनाव को सभी पार्टियां और सारे नेता असाधारण बता रहे हैं। सबका कहना है कि यह सामान्य चुनाव नहीं है। हो सकता है कि नेताओं को लग रहा हो कि सामान्य चुनाव नहीं है लेकिन जनता तो सामान्य से भी नीचे के स्तर का मान कर मतदान कर रही है। इसके बावजूद चुनाव में एक बात बड़ी असाधारण दिख रही है। वह बात ये है कि सभी पार्टियां छिपे हुए यानी गुप्त एजेंडे पर चुनाव लड़ रही हैं। जो नहीं कहा गया है उस पर चुनाव लड़ा जा रहा है। जो कहा जा रहा है उसकी अनदेखी की जा रही है। जो घोषणापत्र में लिखा हुआ है उस पर बात नहीं हो रही है। जो नहीं लिखा गया है या जो नहीं कहा जा रहा है उस पर चुनाव लड़ा जा रहा है।

भाजपा के तमाम नेता, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं ऐसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं, जिनके बारे में कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा है। न तो कांग्रेस के घोषणापत्र में लोगों से संपत्ति छीन कर बांटने की बात है और न कांग्रेस के किसी नेता ने ऐसा बयान दिया है। कांग्रेस के घोषणापत्र में अनुच्छेद 370 लागू करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है और न शरिया लागू करने की कोई बात है। कांग्रेस आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देने जा रही है इसका भी घोषणापत्र में जिक्र नहीं है और न किसी नेता ने कहा है। फिर भी भाजपा के नेता इन मुद्दों पर प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस के तमाम नेता इसी की सफाई देते हुए परेशान हैं कि भाजपा की ओर से जो कुछ भी कहा जा रहा है वह कांग्रेस का एजेंडा नहीं है। कांग्रेस की सहयोगी विपक्षी पार्टियों को भी इसी लाइन पर सफाई देनी पड़ रही है। मीडिया और सोशल मीडिया में इस तरह की बातें ऐसे प्रचारित हो रही हैं, जैसे वो घोषणापत्र का हिस्सा हों।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाजपा के नेता छिपे हुए या कथित गुप्त एजेंडे पर कांग्रेस को घेर रहे हैं और कांग्रेस को सफाई देनी पड़ रही है। कांग्रेस भी ऐसा ही काम कर रही है, जिस पर सफाई देते देते भाजपा के नेता परेशान हैं। भाजपा ने न तो अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह आरक्षण समाप्त करने का जा रही है और न उसके किसी नेता ने ऐसा बयान दिया है। भाजपा ने संविधान बदलने की भी बात नहीं है। उलटे संविधान बदलने की बात करने वाले कर्नाटक के पांच बार के सांसद अनंत हेगड़े की भाजपा ने टिकट काट दी।

आरक्षण खत्म करने के प्रमोद कृष्णम के जिस बयान को लेकर कांग्रेस ने हल्ला मचाया है वह बयान उन्होंने कांग्रेस में रहते ही दिया था और अब भी वे भाजपा के सदस्य नहीं हैं। लेकिन कांग्रेस ने माहौल बना दिया है कि भाजपा की सरकार आई तो वह संविधान बदल देगी और आरक्षण खत्म कर देगी। असल में दोनों पार्टियां एक दूसरे की छवि और उनके बारे में बनी धारणा के आधार पर प्रचार कर रही हैं।

कांग्रेस के बारे में यह धारणा बना दी गई है कि वह अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करती है तो दूसरी ओर भाजपा के बारे में यह धारणा है कि वह आरक्षण विरोधी है और संविधान बदलना चाहती है। हकीकत यह है कि नरेंद्र मोदी ने 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को दिया। उन्होंने केंद्र सरकार के कोटे की मेडिकल सीट में भी ओबीसी आरक्षण किया और सैनिक स्कूल से लेकर नवोदय विद्यालय तक में ओबीसी आरक्षण लागू किया है।

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