टाटा, अंबानी, मित्तल सब वेंडर हैं
अगर यह खोजना हो कि इस देश में कौन उद्यमी है, जिसने रिसर्च पर पैसा खर्च किया और अपना कोई प्रोडक्ट बनाया, जिसका इस्तेमाल देश और दुनिया में हो रहा है और उससे उसकी कमाई हो रही है तो शायद हाथ की दस उंगलियां भी ज्यादा हो जाएं। यहां जो सबसे बड़ा उद्योगपति है, जो सबसे पुराना उद्योगपति है, जो एशिया में नंबर एक या नंबर दो की पोजिशन पर है वह भी या तो सरकार की कृपा से कोई उद्यम चला रहा है या किसी विदेशी कंपनी का वेंडर बन कर काम कर रहा है। दुनिया की बड़ी कंपनियां उनको अपना वेंडर या ठेकेदार बनाती हैं और वे खुशी खुशी यह काम करते हैं।
अभी खबर आई है कि आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एपल ने टाटा समूह को अपने उत्पादों की रिपेयरिंग और सर्विस का काम दिया है। सोचें, देश के सबसे पुराने उद्योग घराने और 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति वाली कंपनी के बारे में! वह एपल के उत्पादों के मेंटेनेंस का काम करेगी! दूसरी खबर यह है कि राफेल की मेन बॉडी बनाने का ठेका भी टाटा को मिला है। सोचें, इतनी बड़ी कंपनी एपल या राफेल की तरह कोई उत्पाद बनाने के बारे में क्यों नहीं सोचती? इसी तरह अंबानी का रिलायंस जियो और सुनील भारती मित्तल की कंपनी एयरटेल भारत में इलॉन मस्क के स्पेसएक्स की सेटेलाइट इंटरनेट सेवा के वेंडर बने हैं। दोनों ने मस्क की कंपनी से करार किया है।