सीजफायर से सामरिक जानकार हैरान
भारत ने सीजफायर क्यों किया? इस बात ने सबको हैरानी में डाला है। देश के ज्यादातर सामरिक जानकार और पूर्व सैन्य अधिकारी इस बात से हैरान हैं और निराश भी कि भारत ने ऐसे मौके पर सीजफायर किया, जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से कुछ खास हासिल नहीं हुआ था और उसका कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया था। पूर्व सैन्य अधिकारियों ने तो यहां तक कहा है कि इसके बाद पता नहीं भारत को फिर मौका कब मिलेगा। सोशल मीडिया में यह नैरेटिव बना है कि अभी तक न तो पहलगाम में हिंदुओं का नरसंहार करने वाले पकड़े गए हैं और न उनको प्रशिक्षण देने वाले उनके आकाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है।
देश के सबसे प्रतिष्ठित सामरिक विशेषज्ञों में से एक ब्रह्म चैलानी ने तो लंबा पोस्ट लिख कर सोशल मीडिया में बताया है कि भारत ने जैसे 1948 में मौका गंवाया, जैसे 1965 में गंवाया, जैसे 1971 में गंवाया वैसे ही 2025 में भी गंवा दिया। उन्होंने पूरा ब्योरा दिया है कि कैसे भारत ने बढ़ती हुई सेना को रोका और अपना नुकसान किया। चैलानी ने लिखा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया लेकिन पांच दिन बाद बिना कोई लक्ष्य हासिल किए बगैर उसे रोक दिया। उन्होंने मोदी सरकार को इस बात के लिए भी कठघरे में खड़ा किया कि 2020 में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद भारत ने रणनीतिक रूप से बेहद कैलाश की चोटी पर अपना नियंत्रण बना लिया था। लेकिन भारत सरकार ने चीन के साथ समझौता करने के चक्कर में भारत ने न सिर्फ कैलाश हाइट्स पर से अपनी सेना हटा ली, बल्कि चीन की ओर से तय किए गए बफर जोन को भी मान लिया। असल में वे ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई शुरू होने के बाद से लिख रहे थे कि भारत को इस अभियान को तार्किक परिणति तक पहुंचाना चाहिए। लेकिन उससे पहले ही भारत ने सीजफायर कर दिया।
भारतीय सेना के प्रमुख रहे जनरल वीपी मलिक ने भी सोशल मीडिया पोस्ट में सवालिया लहजे में कहा है कि भारत ने पहलगाम कांड के बाद सैन्य व असैन्य कार्रवाइयां कीं लेकिन उसके क्या राजनीतिक और रणनीतिक लाभ हुआ यह पता नहीं है। उन्होंने कहा है कि इसका फैसला इतिहास पर छोड़ देना चाहिए। जाहिर है कि उनको पता है कि भारत ने इससे रणनीतिक रूप से कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। कुछ अन्य सामरिक विशेषज्ञों ने यह सवाल उठाया है कि इस सैन्य अभियान का हासिल यह हुआ है कि भारत और पाकिस्तान को एक तराजू पर तौला जाने लगा है। उनका कहना है कि भारत ने मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, जिसे मार गिराने का दावा पाकिस्तान कर रहा है और उधर पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से हमला किया, जिसे मार गिराने का दावा भारत कर रहा है। इससे तो यह लग रहा है कि पाकिस्तान के पास एयर डिफेंस सिस्टम वैसा ही है, जैसा भारत के पास है। दुनिया भर के पाकिस्तानी सोशल मीडिया में आकर पाकिस्तान की वायु सेना की तारीफों के पुल बांध रहे हैं। इन पांच दिनों की कार्रवाई में पाकिस्तान का क्या नुकसान हुआ वह पता नहीं है लेकिन भारत का बड़ा नुकसान हुआ। भारत के तीन एयरबेस डैमेज होने की खबर है। इसके अलावा सेना के पांच जवान व अधिकारी मारे गए हैं, जबकि 17 आम नागरिकों की भी जान गई है। जम्मू कश्मीर में पिछले कई बरसों से बन रहा भरोसा और शांति के माहौल की धारणा भी खराब हुई है। इसका असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।