नकली खाद घोटाले पर किरोड़ी मीणा का शिकंजा
राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने किशनगढ़ इलाके में फैले नकली उर्वरक के गोरखधंधे पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को उन्होंने डींडवाड़ा, बांदरसिंदरी और चौसला गांव की खाद फैक्ट्रियों पर औचक छापेमारी की। मंत्री की कार्रवाई से हड़कंप मच गया और एक फैक्ट्री में तो कर्मचारी ताला लगाकर मौके से भाग खड़े हुए। किरोड़ी मीणा शुक्रवार सुबह डींडवाड़ा की राधिका एग्रो फैक्ट्री पहुंचे और फिर बांदरसिंदरी में एक अन्य खाद यूनिट का निरीक्षण किया। यहां से वे चौसला गांव पहुंचे जहां एक फैक्ट्री के कर्मचारियों ने खाद को बाहर फेंका और फैक्ट्री में ताला लगाकर फरार हो गए। मंत्री ने तुरंत अधिकारियों को फैक्ट्री तुड़वाकर जांच के निर्देश दिए।
अब तक की जांच में 5 फैक्ट्रियों को सीज कर दिया गया है। कृषि विभाग ने किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र की 34 फैक्ट्रियों को जांच के लिए चिन्हित किया है। अधिकारियों की मानें तो इन फैक्ट्रियों में तैयार नकली डीएपी, यूरिया, जिंक सल्फेट, जिप्सम और पोटाश की आपूर्ति सिर्फ राजस्थान में नहीं, बल्कि हरियाणा, पंजाब, बिहार जैसे राज्यों में भी की जाती रही है।
किरोड़ी मीणा ने गुरुवार को किशनगढ़ की 12 खाद फैक्ट्रियों में औचक निरीक्षण किया था, जिसके बाद प्रशासन ने रातभर में सबूतों को सुरक्षित कर लिया। शुक्रवार को कार्यवाही और तेज की गई। मंत्री खुद किशनगढ़ में रुके और सुबह से ही अधिकारियों की टीम के साथ निकल पड़े।
जयपुर-अजमेर की संयुक्त टीमों की कार्रवाई
जयपुर और अजमेर की कृषि विभाग की टीमें भी सक्रिय हैं। अजमेर में आत्मा परियोजना की प्रोजेक्ट डायरेक्टर उषा चितारा ने बताया कि शुक्रवार को उदयपुरकलां की भूमि एग्रोटेक्स, गोवर्धन एग्रो और एक अन्य फैक्ट्री तथा टीकावड़ा गांव की दो फैक्ट्रियों को सीज किया गया है। साथ ही टेम्पो, जेसीबी, ट्रेलर जैसी मशीनरी को जब्त किया गया है।
मंत्री की निगरानी में हो रही कार्रवाई
गुरुवार को जिन 12 फैक्ट्रियों की जांच हुई थी, इनमें अतिशय बायोटेक इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किशनगढ़, कमला बायो ऑर्गेनिक्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, किशनगढ़, ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, किशनगढ़, राघव एग्रो इंडस्ट्रीज, किशनगढ़, श्री गोवर्धन एग्रो, किशनगढ़, दिव्या एग्रो फर्टिलाइजर इंडस्ट्रीज, नालू, भूमि एग्रो इंडस्ट्रीज, किशनगढ़, श्रीनाथ एग्रो इंडस्ट्रीज, किशनगढ़, एशिया डोन बायोकेयर, जयपुर, वर्दी जल एग्री टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, अजमेर शामिल हैं। दो अन्य फैक्ट्रियां भी हैं।
मालिकों की तलाश, केस दर्ज की तैयारी
प्रशासन अब इन फैक्ट्रियों के मालिकों की जानकारी इकट्ठा कर रहा है। जल्द ही इनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। डिप्टी डायरेक्टर (फर्टिलाइजर्स) नवलकिशोर मीणा के अनुसार, मामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ी कार्यवाही तय है।
यह कार्रवाई बताती है कि नकली खाद का नेटवर्क न सिर्फ किसानों को लूट रहा था बल्कि पूरे उत्तरी भारत की कृषि प्रणाली के लिए खतरा बन चुका था। मंत्री किरोड़ी मीणा की इस पहल से प्रशासन की नींद टूटी है और कई जिलों में नकली खाद के सौदागरों की शामत आने वाली है।