चुनाव आयोग ने नियम ही बदल दिया

चुनाव आचार संहिता के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोटिस नहीं देना पड़े इसके लिए आयोग ने नियम ही बदल दिया है। चुनाव आयोग ने तय किया है कि अगर किसी पार्टी के स्टार प्रचारकों में से कोई आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो उसको निजी तौर पर नोटिस देने की बजाय उसकी पार्टी के अध्यक्ष को नोटिस भेजा जाएगा। नियम में यह बदलाव तब किया गया, जब कांग्रेस और अन्य पार्टियों ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ करीब 20 शिकायतें दर्ज कराईं। मंगलसूत्र छीन कर ‘घुसपैठियों’ और ‘ज्यादा बच्चे वालों को’ देने के उनके बयान को लेकर शिकायत की गई थी। इस पर उनको निश्चित रूप से नोटिस भेजना होता, जो आयोग ने नियम बदल कर जेपी नड्डा को नोटिस भेजा।

कह सकते हैं कि राहुल गांधी के खिलाफ मिली शिकायत पर भी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नोटिस भेजा गया है और बाकी स्टार प्रचारकों को मामले में भी ऐसा ही होगा। लेकिन ये सब कोलेटरल बेनिफिशियरी हैं। नियम इनके लिए नहीं बदला गया है। नियम प्रधानमंत्री के लिए बदला गया, जिसका फायदा इनको भी मिल जाएगा। याद करें कैसे पिछले चुनाव के समय भी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई को लेकर चुनाव आयोग में चर्चा हुई थी और तब के चुनाव आयुक्त अशोक लवासा नोटिस भेजने के पक्ष में थे। लेकिन उनकी बातों को दरकिनार करके पीएम को नोटिस नहीं भेजा गया। बाद में लवासा को इस्तीफा देना पड़ा और उनके करीबी रिश्तेदारों के यहां केंद्रीय एजेंसियों के छापे भी पड़े। ऐसी कोई अप्रिय स्थिति न पैदा हो इसलिए चुनाव आयोग ने नोटिस भेजने का नियम ही बदल दिया।

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