राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेताओं का अनोखा प्रदर्शन, छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग फिर हुई मुखर
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर मंगलवार को एक बार फिर छात्र राजनीति की गूंज से मुखर हो उठा। प्रदेशभर के छात्र संगठनों और छात्र नेताओं ने आज अनोखे ढंग से प्रदर्शन करते हुए छात्रसंघ चुनाव शीघ्र करवाने की मांग दोहराई। पोस्टर, प्रतीकात्मक मतपेटी और लोकतंत्र के प्रतीकों के साथ छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे छात्रसंघ चुनावों को लेकर अब और इंतज़ार नहीं करेंगे। इस प्रदर्शन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपने एक्स हैंडल पर तस्वीर के साथ कॉमेंट पोस्ट कर सरकार पर निशाना साधा है। छात्र नेताओं का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव सिर्फ़ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि युवाओं के राजनीतिक और लोकतांत्रिक प्रशिक्षण की प्रयोगशाला है। एक छात्र नेता ने कहा, “राजनीति की असल शुरुआत यहीं से होती है। छात्रसंघ चुनावों के ज़रिए ही युवा नेतृत्व तैयार होता है, जो आगे चलकर राज्य और देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”
छात्र संगठनों का आरोप है कि वर्तमान भाजपा सरकार छात्रसंघ चुनावों को लेकर टालमटोल की नीति अपना रही है। उनका कहना है कि प्रदेशभर के छात्र लंबे समय से चुनावों की माँग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले रही। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र चुनावों की तारीख़ घोषित नहीं करती, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
इस मौके पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा- “छात्रसंघ चुनाव युवाओं के लिए राजनीति की नींव का काम करते हैं। इसमें भाग लेने से न केवल राजनीतिक समझ विकसित होती है, बल्कि लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं की समझ भी गहरी होती है। मैं स्वयं छात्र राजनीति से निकला हूं और देश के तमाम बड़े नेताओं ने भी अपना सफर यहीं से शुरू किया था।”
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का हवाला देते हुए कहा कि “राजीव जी ने ही वोटिंग की उम्र को 21 से घटाकर 18 वर्ष किया ताकि युवा लोकतंत्र में भागीदारी कर सकें।”
उन्होंने कहा-“हमारे समय में विधानसभा चुनावों के चलते छात्रसंघ चुनाव स्थगित हुए थे, लेकिन मौजूदा सरकार के पास ऐसा कोई तर्क नहीं है। सरकार को चाहिए कि अविलंब चुनावों की घोषणा करे और छात्रों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं का सम्मान करे।”
ज्ञात रहे कि कोरोना महामारी और फिर विधानसभा चुनावों के चलते पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान में छात्रसंघ चुनावों का आयोजन नहीं हो पाया है। इसके चलते छात्र संगठनों और विश्वविद्यालयों में एक प्रकार की राजनीतिक ठहराव की स्थिति आ गई है।
आज हुए प्रदर्शन को शांतिपूर्ण ढंग से अंजाम दिया गया और छात्रों ने प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें चुनाव की तिथि घोषित करने की माँग की गई। प्रदर्शन में एनएसयूआई, एसएफआई, एबीवीपी सहित विभिन्न विचारधाराओं के छात्र संगठनों ने भाग लिया।