आम आदमी को तो हर दिन मूर्ख बनाया जा रहा है जनाब…

पुराना फिल्मी गाना है ‘अप्रेल फूल बनाया तो उनको गुस्सा आया।’ एक अप्रेल को लोगों को मूर्ख बनाकर हंसी-ठिठोली करने तक तो ठीक है, लेकिन आम आदमी तो रोज फूल बन रहा है। जनवरी से लेकर दिसंबर तक। जब आपकी जेब कट रही हो, डेटा चोरी हो रहा हो और किसी ऑनलाइन ठगी का शिकार बन रहे हों, तो क्या यह भी मजाक रहेगा? आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे तकनीक के इस दौर में लोग रोज ‘अप्रेल फूल’ बन रहे हैं और इससे बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए।
फेक न्यूज के जाल में न फंसें
सोशल मीडिया पर हर दिन सैकड़ों फर्जी खबरें वायरल होती हैं। आइएसबी और साइबरपीस के अध्ययन के अनुसार 77.4 फीसद फेक न्यूज सोशल मीडिया के जरिए फैलती है। किसी भी खबर पर तुरंत यकीन न करें, पहले उसकी सत्यता जांचें।
फ्री ऐप डाउनलोड करने की भारी कीमत
मोबाइल ऐप डाउनलोड करते समय हम अक्सर बिना सोचे-समझे सभी अनुमतियां दे देते हैं। लेकिन क्या वाकई एक फ्लैशलाइट ऐप को आपके कॉन्टेक्ट्स की जरूरत है? कई ऐप्स आपकी निजी जानकारी चुराकर उसे बेचते हैं। किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी अनुमतियां ध्यान से पढ़ें।
इंस्टाग्राम फॉलोअर्स का झांसा
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना आजकल फैशन बन गया है। क्या आप जानते हैं कि इंस्टाग्राम पर 60% फॉलोअर्स फर्जी होते हैं? कई लोग पैसे देकर फर्जी फॉलोअर्स खरीदते हैं, जिससे ब्रांड्स को बड़ा नुकसान होता है। अगर किसी के लाखों फॉलोअर्स हैं लेकिन पोस्ट पर लाइक्स और कमेंट्स बहुत कम हैं तो समझ जाएं कि मामला गड़बड़ है।
ऑनलाइन शॉपिंग : छूट के जाल में फंसना
ऑनलाइन शॉपिंग ने हमारी जिंदगी आसान कर दी है, लेकिन यह साइबर ठगों के लिए भी नए रास्ते खोल रही है। नकली वेबसाइट्स असंभव डिस्काउंट ऑफर कर लोगों को लुभाती हैं। रिजर्व बैंक के अनुसार 2022-23 में ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के मामले 36% बढ़े। सावधान रहें! अनजानी वेबसाइट से खरीदारी करने से पहले उसकी प्रामाणिकता जांचें और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
सस्ते ट्रेवलिंग का धोखा
छुट्टियों का मौसम आते ही ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग के नाम पर ठगी के मामले भी बढ़ जाते हैं। मैकेफी की रिपोर्ट बताती है कि 51% भारतीय ऑनलाइन ट्रैवल स्कैम का शिकार हो चुके हैं। अनजान साइट्स पर सस्ते ऑफर्स के लालच में न आएं। बुकिंग से पहले वेबसाइट और ऑफर की जांच करें।
डीपफेक : आपकी आंखों का धोखा
डीपफेक टेक्नोलॉजी से वीडियो और ऑडियो को आसानी से एडिट कर दिया जाता है, जिससे किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम से झूठी बातें फैलाई जा सकती हैं। चुनावों और बड़े आयोजनों के दौरान यह खतरा और भी बढ़ जाता है। 75% भारतीय डीपफेक कंटेंट देख चुके हैं, और 31% मानते हैं कि इससे चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए हर वीडियो पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
डिजिटल अरेस्ट का डर दिखा ठगी
आजकल ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर साइबर अपराधों के नाम पर लोगों को डराने लगे हैं। वे फोन कर कहते हैं कि आपका बैंक खाता या आधार नंबर किसी अपराध में इस्तेमाल हुआ है, आप पर केस दर्ज होगा। डरें नहीं, कानून प्रवर्तन एजेंसियां फोन पर इस तरह की जानकारी नहीं देतीं। ऐसे कॉल्स को तुरंत रिपोर्ट करें।
कैसे बचें
1- ऑनलाइन खरीदारी: केवल विश्वसनीय वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें।
2- संदिग्ध कॉल्स: कोई भी बैंक या सरकारी एजेंसी फोन पर आपकी जानकारी नहीं मांगती।
3- डीपफेक से सावधान: किसी भी वीडियो या ऑडियो पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
4- इंस्टाग्राम फॉलोअर्स की जांच: किसी भी इंफ्लुएंसर को फॉलो करने से पहले उसके एंगेजमेंट रेट को जरूर देखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *