महिला निधि से मिलेगा राजस्थान की महिलाओं को सम्बल, आखिर
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को महिला समानता दिवस पर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए ‘महिला निधि’ का लोकार्पण किया। इससे महिलाओं को रोजमर्रा की आवष्यकताआंे के अलावा व्यवसाय को बढ़ाने व उद्यमिता के लिए सुलभ ऋण उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति बेहतर बनाने के लिए सिर्फ कानून ही काफी नहीं है, उनके साथ समानता के व्यवहार के लिए सामाजिक सोच में बदलाव की जरूरत है। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार सहित स्वयं की सुरक्षा और आईटी प्रशिक्षण आदि के लिए तेज गति से काम हो रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश के चहुंमुखी विकास में भागीदारी निभा सकें।
गहलोत महिला समानता दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अनेक योजनाएं महिला केन्द्रित हैं, जो उनके सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता का परिचायक है। राज्य के विकास तथा सुशासन में महिलाओं की भागीदारी अधिक से अधिक हो, राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है। पिछले तीन वर्षो में महिला और बालिकाओं के कल्याण हेतु राज्य सरकार द्वारा बजट में 52 घोषणाएं की गई हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं एवं बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने, उन्हें आत्मरक्षा की दृष्टि से मजबूत बनाने तथा अपने अधिकारों और कानूनों के बारे में सजग करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की देन है। उनके क्रांतिकारी सुधारों की वजह से महिलाएं पहले की तुलना में अधिक सशक्त हुई हैं। उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ है और वे निडरता से अपने काम-काज की बागडोर संभाल रही है।
महिला निधि से मिलेगा राज्य की महिलाओं को सम्बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2022-23 में महिला निधि की स्थापना राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् के माध्यम से करने की घोषणा की थी। तेलंगाना के बाद राजस्थान देश का दूसरा राज्य है, जहां महिला निधि की स्थापना की गई है। महिला स्वयं सहायता समूह को मजबूत बनाने, बैकों से ऋण दिलाने, गरीब, सम्पत्तिहीन और सीमान्त महिलाओं की आय बढ़ाने व कौषल विकास कर महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक उन्नति के लिए महिला निधि की स्थापना की गई है।
इस योजना के अंतर्गत 40,000 रूपये तक के ऋण 48 घण्टे में व 40,000 रूपये से अधिक के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में आवेदित सदस्यों के समूह के बैंक खाते में जमा हो जाएंगे। वर्तमान में राज्य के 33 जिलों में 2 लाख 70 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है, जिसमें 30 लाख परिवार जुडे़ हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 50 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जाना प्रस्तावित है, जिनमें लगभग 6 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा। राज्य में कुल 36 लाख परिवारों को उनकी आवष्यकताओं के आधार पर चरणबद्ध तरीके से राजस्थान महिला निधि से लाभ मिलेगा।
गहलोत ने इस अवसर पर 6 जिलों के 386 स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को 1 करोड़ 42 लाख रूपये की राशि राजस्थान महिला निधि से ऋण के रूप में प्रदान की। उन्होंने सामुदायिक स्तर पर विशिष्ट कार्य करने के लिए राजीविका कम्यूनिटी कैडर की 8 महिलाओं को भी पुरस्कृत किया।
उड़ान योजना के द्वितीय चरण के लिए 600 करोड़ रूपये
इस कार्यक्रम में उड़ान योजना के द्वितीय चरण का भी शुभारंभ किया गया जिसमें 1 करोड़ 45 लाख किशोरियों एवं महिलाओं के लिए 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना के प्रथम चरण से 29 लाख किशोरियां और महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए एमओयू
कार्यक्रम में अमेजाॅन के साथ उत्पादों के ऑनलाइन विक्रय के लिए एमओयू करार किया गया। इससे 15,000 से अधिक महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर सूचीबद्ध किया जाएगा और देश भर के लाखों अमेज़ॅन ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके द्वारा, कारीगरों और बुनकर समुदाय को सशक्त बनाने व उन्हें अमेज़न विक्रेता बनाकर डिजिटल समावेश हेतु प्रोत्साहित करने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वर्क फ्रोम होम जाॅब वर्क योजना व पोर्टल का भी शुभारम्भ किया गया।
सभी जिलों में इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना लागू
इस मौके पर टीएसपी क्षेत्र के 5 जिलों में पूर्व में लागू इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना का दायरा बढ़ाकर इसे सभी जिलों में लागू कर दिया गया। इस योजना के अंतर्गत दूसरे बच्चे के जन्म पर कुल 6000 रूपये 5 किश्तों में दिये जाते हैं। अब इस योजना का लाभ 1 अप्रेल 2022 से पूरे 33 जिले की महिलाओं को मिल सकेगा।